अगर आप भी इन्वेस्टमेंट या निवेश करने का सोच रहे है पर आपको पता नहीं है की निवेश कहा करना है और ये कितना सेफ होगा तो म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट आपके लिए एक सुरक्षित निवेश हो सकता है। लेकिन ये म्यूचुअल फंड आखिर क्या है। म्यूचुअल फंड एक ऐसा फण्ड होता है जिसमे कई इन्वेस्टर होते है। म्यूचुअल फंड के पैसे को इन्वेस्ट करने का काम फण्ड मेनेजर करते है । म्यूचुअल फंड के पैसे को शेयर बाजार , बांड में गोल्ड में या किसी दूसरी गवर्मेन्ट सिक्योरिटी में इन्वेस्ट किये जाते है। म्यूचुअल फंड मेनेजर को अच्छे निवेश करने में महारथ हासिल होता है। ये फंड मेनेजर देश और दुनिया में कहा इन्वेस्ट करना है इसके बारे में अच्छे से जानते है। इन फंड मेनेजर का एक ही मकसद होता है की आपके पैसे को अच्छी जगह निवेश करके आपको ज्यादा से ज्यादा रिटर्न कमा कर देना।
म्यूचुअल फंड दो प्रकार के होते है।
- ओपन एंड फंड में आप कभी भी पैसा लगा सकते है और कभी भी अपना पैसा म्यूचुअल फंड से निकाल सकते है।
- क्लोज एंड फंड ऐसे फण्ड होते है जिनको एक टाइम के बाद ही अपना पैसा निकाल सकते है।
म्यूचुअल फंड मेनेजर आपके पैसो को अलग अलग कंपनी में इन्वेस्ट करते है जैसे –
- स्माल कैप कंपनी – फंड मेनेजर आपके पैसो को स्माल कैप यानि की उन छोटी साइज की कंपनी में पैसे लगता है जो आगे जाकर बहुत बड़ी हो सकती है और आपका पैसा काफी तेजी से बड़ा बन सकता है । स्माल कैप कंपनी उनको कहा जाता है जिनका मार्किट कॅपिटलिस्टिव Rs 5,000 करोड़ रूपए से कम होता है। स्माल कैप कंपनी में रिस्क और रिटर्न दोनों ज्यादा होते है।
- मिड कैप कंपनी – फंड मेनेजर आपके पैसो को मिड कैप कंपनी में इन्वेस्ट करते है। मिड कैप कंपनी में रिस्क थोड़ा सा कम होता है और रिटर्न भी स्माल कैप कंपनी से कम होता है। मिड कैप कंपनी उन कंपनी को कहा जाता है जिनका मार्किट कैप Rs 5,000 करोड़ से ज्यादा और Rs 20,000 करोड़ अधिक होता है।
- लार्ज कैप कंपनी – इस प्रकार की कंपनी में रिस्क और रिटर्न दोनों कम होता है। लार्ज कैप कंपनी मार्किट कैप Rs 20,000 करोड़ से ज्यादा होता। ये कंपनी देश की सबसे बड़ी कंपनी होती है जैसे – रिलायंस ,TCS ,HDFC बैंक, इनफ़ोसिस ,HUL ICICI बैंक , इन कंपनी में किये गए निवेश को अच्छा मना जाता है।
- सेक्टोरल फण्ड स्कीम – ये फण्ड वो फण्ड होते है जिनको किसी एक सेक्टर में निवेश करने के लिए बनाया जाता है – आईटी सेक्टर , फार्मा सेक्टर , FMCG सेक्टर , आदि जो सिर्फ फोकस करता है एक सेक्टर या एरिया में निवेश करने के लिए।
म्यूच्यूअल फण्ड में आप दो तरीके से निवेश कर सकते है।
1. SIP – सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) करने पर आपके बैंक खाते से हर महीने एक निश्चित राशि काटी जाती है।
2 . LIP – Lumpsum Investment Plan इसमें आपको एक बार एक फिक्स अमाउंट इन्वेस्ट करना होता है।
इस निवेश के बदले आपको मिलती है (NAV) यानी नेट एसेट वैल्यू। यहाँ तक मुझे लगता है की आपको पता चल गया होगा की म्यूचुअल फंड क्या होते है और ये कैसे काम करते है।
अब हम बात करने वाले है की हम म्यूचुअल फंड में कैसे इन्वेस्ट करेंग। म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए हमको किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी या म्यूचुअल फंड डिस्टीब्यूटर के पास में जाकर अपना KYC करना होगा। म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास में इन डॉक्यूमेंट का होना बहुत जरुरी है जैसे – पैन कार्ड , आधार कार्ड और एक बैंक अकाउंट ये सभी डॉक्यूमेंट आपको म्यूचुअल फंड कंपनी के पास में जमा करना होता है। जैसे ही आपकी KYC पूरी होती है, आपको म्यूचुअल फंड के किसी एक प्लान को चुनना होता है। उसके बाद आपके बैंक अकाउंट से हर महीने एक फिक्स अमाउंट म्यूचुअल फंड कंपनी काट कर इन्वेस्ट करती है।
अब यहाँ पर सवाल आता है की म्यूचुअल फंड में रिस्क को कम क्यों माना जाता है। म्यूचुअल फंड एक कंपनी में निवेश करने के बजाये बहुत सी अलग अलग कंपनी में इन्वेस्ट करते है। अगर कोई एक कंपनी नुक्सान करती है तो बाकि की कंपनी में किया गया निवेश सुरक्षित रहता है। यानी की रिस्क बहुत ज्यादा कम हो जाता है। म्यूचुअल फंड मैनेजर आपके पैसे को कब और कहा कितना इन्वेस्ट करना है इसका पूरा ध्यान रखते है। म्यूचुअल फंड की सबसे अच्छी बात ये होती है की आप बहुत ही कम पैसे से अपने इन्वेस्टमेंट की शुरवात कर सकते है। अभी नवी के नए म्यूचुअल फंड के अंदर आप सिर्फ 10 रूपए लगा कर भी अपनी इन्वेस्टमेंट की यात्रा की शुरवात कर सकते है।
Mutual Fund Sip Kya Hai
अगर आपको भी नहीं पता है म्यूच्यूअल फण्ड SIP क्या है तो इस लेख में हम SIP के बारे में आपको बिलकुल विस्तार से बताने वाले है। SIP फुल फ्रॉम सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान होता है। SIP में अभी के समय में आप 30 रूपए से लेकर हजारो रूपए तक का इन्वेस्टमेंट कर सकते है। SIP में आप एक सप्ताह से लेकर 15 दिन या एक महीने तक का आप प्लान चुन सकते है। लेकिन आपको ये याद भी रखना होगा ये रकम आपको एक फिक्स तरीक को अपने बैंक खाते में रखना होता है। ताकि आपके बैंक खाते से म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी इस रकम को डेबिट कर सके अगर आपके बैंक अकाउंट में पैसे नहीं रहे तो आपकी बैंक इसके लिए एक पेनल्टी भी चार्ज कर सकती है। SIP में छोटे छोटे निवेश करके आप एक बड़ा अमाउंट जमा कर सकते है। जो भी अमाउंट आप निवेश के लिए चुनते है वो एक निश्चित दिन आपके बैंक अकाउंट से कट जाता है और म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के पास चला जाता है। फण्ड मेनेजर इस अमाउंट को अपने हिसाब से इन्वेस्ट करके सभी इन्वेस्टर के म्यूच्यूअल फण्ड अकाउंट में NAV के रूप में क्रेडिट कर देते है। अब आपको बताते है की आपके पैसे SIP में कैसे ग्रोव करते है।
मान लीजिये की आपने एक हजार रूपए इन्वेस्ट किये और आपको उस म्यूच्यूअल फण्ड की एक यूनिट की एसेट वैल्यू यानी की एक
(एनएवी/ यूनिट ) 20 रूपए तो आपको हजार रूपए में उस म्यूच्यूअल फण्ड की 50 यूनिट / शेयर मिलेंगे।
आप जैसे जैसे इस एनएवी/ यूनिट वैल्यू बढ़ेगी वैसे वैसे आपका रिटर्न भी बढ़ेगा।
कैसे और कितना बढ़ सकता है जरा इसका गणित भी समझ लीजिये। अगर आने वाले समय में एक एनएवी/ यूनिट की वैल्यू 35 रूपए हो जाती है तो आपको इन्वेस्ट की गई राशि की कीमत 1750 रूपए हो जाएगी। अब आपके पास जैसे जैसे एनएवी/ यूनिट बढ़ती जाएगी आपका इन्वेस्ट किया हुवा पैसा भी बढ़ता चला जायेगा। अगर मार्किट गिरता है तो एनएवी/ यूनिट कीमत कम हो जाती है। आपको मार्किट के उप डाउन से घबराना नहीं है और अपना इन्वेस्ट करते रहना है।
बाजार के लगभग सभी एक्सपर्ट मानते है की एक अच्छे म्यूच्यूअल फण्ड में सालाना SIP में निवेश करने पर 12% से लेकर 15% तक का रिटर्न मिलता है। अगर ऐसे ही ये हर साल ये बढ़ता ही चला जायेगा और इस पर मिलने वाला रिटर्न भी भी बढ़ता रहेगा तो इसको पावर ऑफ़ कम्पाउंडिंग या चक्रवृद्धि ब्याज कहा जाता है।
मान लीजिये आपने एक हजार रूपए महीना निवेश किया और उसपर आपको 15 % का रिटर्न मिलता है।